पंजाब में जब आतंकवाद का दौर था तो पंजाब पुलिस (Punjab Police ) में बहादुरी और सचाई से लड़ने वाले बहुत से ऐसे सुरक्षा कर्मी जेलों में बंद हैं जिन्होंने आतंकवाद के खिलाफ बड़ी बहादुरी से लड़ा और उसके बाद उन पर कई तरह के आरोप प्रत्यारोप लगाकर मुकदमे चलाए गए और वे जेलों में बंद हैं। इन शब्दों का प्रगटावा साबका बीजेपी मंत्री लक्ष्मीकांता चावला ने पंजाब के मुख्यमंत्री श्री अमरिंदर सिंह यह के ध्यान में लाने के लिए किया ।
उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस में बहादुरी और सचाई से लड़ने वाले बहुत से ऐसे सुरक्षा कर्मी जेलों में बंद हैं जिन्होंने आतंकवाद के खिलाफ बड़ी बहादुरी से लड़ा और उसके बाद उन पर कई तरह के आरोप प्रत्यारोप लगाकर मुकदमे चलाए गए और वे जेलों में बंद हैं।लक्ष्मीकांता चावला ने कहा कि बहुत अच्छा होता अगर मुख्यमंत्री अपने प्रभाव का सदुपयोग करते हुए उन सुरक्षा कर्मी कैदियों की रिहाई गांधी जयंती पर ही करवा देते। इसके साथ ही बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हें उम्रकैद की सजा हुई, पर वे बीस वर्षों से भी ज्यादा सजा भुगत चुके हैं।

मानवता की यह मांग है कि बुढ़ापे में पहुंच चुके इन कैदियों को भी रिहाई दी जाए। अगर अब गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) पर रिहाई की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकती तो फिर विजयदशमी (Vijayadashami) या श्री गुरुनानक देव जी (Shri Gurunanak Dev Ji) का प्रकाश उत्सव अथवा दीपावली (Diwali) तक इन कैदियों की रिहाई सरकार जरूर करवाए। इसके लिए जो भी कानूनी प्रक्रिया है वह सरकार अपने स्तर पूरी करे। केवल कुछ नेताओं के तुष्टिकरण के लिए कैदियों की रिहाई करवाने से ज्यादा जरूरी है कि वह मानवता और अपने राज धर्म का भी ध्यान रखें।
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अगर मुख्यमंत्री जी को अभी तक यह जानकारी नहीं है कि कितने सुरक्षा कर्मी जेलों में हैं और कितने कैदी उम्रकैद के नाम पर बीस वर्षों से भी ज्यादा जेलों में बंद हैं तो मुख्य मंत्री अमरिंदर सिंह को चाहिए के उन सब कैदिओं की जानकारी लेकर दीपावली से पहले ही इन कैदियों को राहत दें।कैदिओं को राहत देने से उन का का उनकी पार्टी का अक्ष पंजाब की जनता में अच्छा ही बनेगा ।
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