NEW DELHI :- भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हरशवरधन को शुक्रवार सरबसंमती के साथ डबलयूऐचयो (WHO) कार्यकारी बोर्ड (Executive Board.) का चेयरमैन चुना गया है। भारत ने संयुक्त रास्ट्र की सब से बड़ी सेहत संस्था चलाने वाले कार्यकारी बोर्ड की कमान अपने हाथ में ऐसे समय के लिए जब दुनिया कोरोनावायरस संकट का सामना कर रही है।
वीडियो कानफरंसिंग के द्वारा हुई इस मीटिंग में जहाँ विशव सेहत संगठन के उच्च अधिकारी जिनेवा से शामल हुए। कार्यकारी बोर्ड में 34 तकनीकी रूप से योग्य सदस्य शामिल हैं, इनका कार्यकाल तीन साल होगा. भारत तीन सालों के लिए कार्यकारी बोर्ड का मैंबर बनेगा। चयन के बाद कार्यकारी बोर्ड को संबोधन करते, भारतीय सेहत मंत्री ने कोरोना महामारी दौरान प्रभावशाली उपायओं के लिए विशवव्यापी कोशिशें और सहयोग पर ज़ोर दिया।
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डब्ल्यूएचओ के कार्यकारी बोर्ड का मुख्य कार्य हेल्थ असेंबली की ओर से लिए गए निर्णय और नीतियों को लागू करना तथा इसके कार्य को सुविधाजनक बनाना है. डा. हरशवरधन ने कहा कि कोरोना महामारी ने विशव में मौजूदा सेहत प्रणालियों की कमज़ोरियों को मशहूर किया है।18 -19 मई को हुई विशव सेहत असेंबली की बैठक में कोरोनावायरस के मानवीय शरीर में आने के कारणों की जांच करन के लिए एक सरबसंमती के साथ संकल्प के पास किया गया।
इस लिए विशव सेहत असेंबली के इस अहम फ़ैसले को लागू करन की ज़िम्मेदारी डा. हरशवरधन का नेतृत्व वाली कार्यकारी बोर्ड की है।दुनिया में कोरोना वायरस बहुत तेज़ी के साथ फैल रहा है, जिस कारण बहुत सी लोगों की मौत हो रही है,आने वाले समय में हो सकता है यह महामारी को कंट्रोल करन के लिए समय लग सकता है ।
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