NEW DELHI,(AZAD SOCH):- Supreme Court की तरफ से खेती कानूनों (Farming laws) पर रोक लगा दी गई और साथ ही 4 सदस्यता समिति गठित की गई परन्तु किसान जत्थेबंदियाँ समिति के साथ बातचीत करन को तैयार नहीं हैं,अदालत ने अपने आदेश में कहा कि समिति 10 दिनों में किसानों के साथ मीटिंग करेगी,इस मीटिंग में किसान क्या चाहते हैं और सभी मुद्दों पर रिपोर्ट बनाने के बाद 2 महीनों बाद अदालत में रिपोर्ट पेश करेगी,कृषि कानूनों (Agricultural Laws) के सम्बन्ध में अदालत के लिखित आदेश में कहा गया है कि अगले आदेश तक तीनों नये कृषि कानूनों (Agricultural Laws) पर पाबंदी लगाई जाऐगी।
वर्तमान में, MSP का व्यवस्था जारी रहेेगा,अदालत ने अपने आदेश में सपस्शट तौर पर कहा है कि किसानों की ज़मीन की सुरक्षा को यकीनी बनाया जाना चाहिए,किसी भी किसान को कृषि के कानून कारण अपनी ज़मीन नहीं गुआएगा, यह यकीनी बनाया जायेगा,कृषि कानूनों (Agricultural Laws) के सम्बन्ध में अदालत के लिखित आदेश में कहा गया है कि अगले आदेश तक तीनों नये कृषि कानूनों पर पाबंदी लगाई जाऐगी,वर्तमान में, MSP का व्यवस्था जारी रहेेगा।
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किसान जत्थेबंदियाँ समिति का कहना है कि हम Supreme Court की इज्जत करते हैं, परंतु हम इस मामलो में मध्यस्थता के लिए Supreme Court को कोई विनती नहीं की और न ही ऐसी किसी भी समिति के साथ हमारा कोई सम्बन्ध है,चाहे ऐसी समिति अदालत को तकनीकी सलाह देने के लिए बनी हो या किसानों और सरकार दरमियान मध्यस्थता करन के लिए हो,किसानों का इस समिति के साथ कोई लेना देना नहीं है।
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इस के साथ ही भारतीय किसान यूनियन (आर) के बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि हम कहा था कि हम किसी समिति आगे नहीं जायेंगे,हमारा प्रदरशन पहले की तरह जारी रहेगा,समिति के सभी लोग सरकार के हक में हैं और वह सरकार के कानूनों बारे सपस्शटीकरन देने जा रहे हैं।
AZAD SOCH :- E-PAPER
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